मुख्य उद्देश्य
1) पशुपालकों को आर्थिक सम्बल प्रदान करने हेतु सम्पूर्ण प्रदेश में पशुपालन-पशु प्रबंधन प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र कार्यक्रम करना।
2) सभी प्रकार के पशु फार्म की स्थापना एवं संचालन करना एवं इससे संबंधित जानकारियाँ पशुपालकों को प्रदान करना।
3) डेयरी स्थापना के इच्छुक व्यक्तियों को मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण करना तथा उन्हें इस अनुभव सम्बन्धित दस्तावेज देना।
4) डेयरी, पशुओं, पशुफार्मो की स्थापना आदि के लिए ऋण देने वाली संस्थाओं, बैंकों की जानकारी देना तथा उन सभी संस्थाओं, बैंकों आदि से अनुबंध कर ऋण चाहने वालों को प्रशिक्षण प्रदान करना।
5) सभी प्रकार की सरकारी पशुपालन सम्बन्धी योजनाओं की जानकारी आम पशुपालक तक पहुँचाना।
6) पशुचिकित्सकों के माध्यम से निम्न प्रकार के लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना तथा उनके अनुभव प्रमाण पत्र जारी करना।
• पशु स्वास्थ्य का रख-रखाव एवं प्रबंधन प्रशिक्षण।
• पशुओं में रोग एवं रोगों की रोकथाम एवं लाभ की जानकारी देना।
• पशुओं में प्राथमिक घरेलू उपचार एवं लाभ की जानकारी देना।
• पशुधन उत्पादन एवं नस्ल सुधार में कृत्रिम गर्भाधान की जानकारी देना।
• पशुओं में बधियाकरण टीकाकरण समय पर करने के लाभ।
• पशुओं में होने वाली मौसमी, बीमारियों की जानकारी एवं बचाव।
• पशुओं का उत्तमपोषण एवं चारा प्रबंधन प्रशिक्षण देना।
7) संस्थान द्वारा पशु चिकित्सालय, पशुसेवा केन्द्र, जिला स्तर पर पशुपालन ज्ञान केन्द्र आदि खोलकर पशुसेवा कार्य करना।
8) पशुओं के बीमा का कार्य करना एवं करवाना।
9) पशु अत्याचार अधिनियम के तहत पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम, अवैध पशु परिवहन, अवैध गौवंश परिवहन, बिना उचित व्यवस्था एवं नियम के विरूद्ध पशुओं का परिवहन,देशी गौवंश का परिवहन, अवैध रूप से कानूनी कार्यवाही करने के लिए सूचना मिलने पर ART (एनीमल रेस्क्यू टीम) बनाकर सहयोग करना एवं जब्तशूदा पशुओं की उचित व्यवस्था करना।
10) एनीमल रेस्क्यू टीम के लिए स्पेशल अनुमति प्राप्त वाहनों का प्रयोग करना एवं टीम के सदस्यों को पहचाना पत्र एवं गणवेश प्रदान करना।
11) भारतीय देशी गौवंश को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिलाने का प्रयास करना।
12) केन्द्र एवं राज्य सरकार की पशुओं से संबंधित योजनाओं के लिए कार्य करना।